बजट 2022: टेक्सटाइल सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री कर सकती हैं ऐलान, 16,000 करोड़ रुपये की होगी स्कीम

Photo of author

By Procapital Akash

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

 Budget 2022: सरकार ने एक नई स्कीम पर काम शुरू किया है, जिसमें टेक्सटाइल सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने के लिए करीब 16,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें अगले पांच सालों में टेक्सटाइल मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग, मौजूदा कलस्टर्स और सूक्ष्म, मध्य और मध्य उद्योगों (MSMEs) में टेक्नोलॉजी अपग्रडेशन को सपोर्ट और कई सेगमेंट्स में नई इंटिग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं को समर्थन दिया जाएगा.

Penny Stock


रिपोर्ट के मुताबिक, नई स्कीम का नाम टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट स्कीम होगा. इसका ऐलान आने वाले बजट में किया जा सकता है. यह अमेंडेड टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम (ATUFS) की जगह लेगी, जो 31 मार्च 2022 को खत्म होने जा रही है. टेक्सटाइल के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के लाभार्थी नए कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन के लिए योग्य नहीं होंगे । 

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अधिकारी ने बताया है कि स्कीम का अभी कॉन्सेप्ट तैयार किया जा रहा है और कई स्तरों पर मंजूरी मिलने का इंतजार हो रहा है. इस स्कीम के लिए एक नया नाम दिया जा सकता है.

टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम को साल 1999 में लॉन्च किया गया था. और उस समय से इस स्कीम में कई बार बदलाव किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इंडस्ट्री के साथ कई बार बातचीत की है और प्रस्तावित स्कीम के दो भाग हैं- टेक्सटाइल मशीनरी और इंटिग्रेटेड मॉर्डन फैसिलिटीज. टेक्सटाइल मशीनरी की मैन्युफैक्चरिंग पर जोर देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत ने कई चीजों जैसे सिलाई मशीन और एक्सेसरीज जैसे सुइयों का आयात किया है. पिछले पांच सालों में करीब 72,000 करोड़ रुपये के सामान का आयात किया गया है, जिनमें से अधिकतर चीन से है

टेक्सटाइल मिनिस्ट्री ने स्कीम के तहत निवेश और वैल्यू-एडिशन लिंक्ड इंसेंटिव का प्रस्ताव किया है. विदेशी मैन्युफैक्चर्रस द्वारा ज्वॉइंट वेंचर्स के मामले में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए प्रोत्साहन और रिसर्च और डेवलपमेंट और कमर्शिलाइजेशन के लिए सपोर्ट भी इस प्लान की गई स्कीम के तहत किए जाने की उम्मीद है, क्योंकि इसका मकसद देश में मशीनरी की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के साथ कपड़े के सेगमेंट पर ध्यान देना है. अधिकारी ने रिपोर्ट के मुताबिक कहा कि प्रोत्साहन की सीमा पर भी काम किया जा रहा है.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment